पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन आरक्षण को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। संविधान दिवस के मौके पर चल रहे सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षण का मुद्दा उठाया, जिसके बाद जमकर बहस हुई और विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। तेजस्वी यादव ने ‘सब संगत का असर है’ कहकर सरकार पर तंज कसा।
तेजस्वी यादव ने कहा, “हम लोग उन्हें ठीक करते हैं तो उनके साथ वापस वैसे ही हो जाते हैं।” उन्होंने अपनी सरकार के दौरान हुई जातीय गणना का भी उल्लेख किया और आरक्षण की सीमा को 65% करने का श्रेय अपनी पिछली सरकार को दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार इसे फिर से लागू करने के लिए क्या कदम उठा रही है?
तेजस्वी यादव ने हाईकोर्ट की ओर से आरक्षण को निरस्त किए जाने पर भी चिंता व्यक्त की। इस पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव के बयानों पर आपत्ति जताई और उन पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया। तेजस्वी ने कहा कि आरजेडी अब इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी पार्टी है और संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए हमेशा खड़े रहेंगे।
तेजस्वी ने आरक्षित वर्ग को हो रहे नुकसान पर भी चिंता जताई। विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सभी दलों की सहमति से कानून को नौंवी अनुसूची में डालने की बात हुई थी, लेकिन कोर्ट जाने के कारण यह निरस्त हो गया। उन्होंने कहा कि बहालियां पुरानी आरक्षण व्यवस्था के तहत जारी रहेंगी।
तेजस्वी यादव ने बताया कि जब वह सरकार में थे, तब जातीय आधारित गणना कराई गई थी, क्योंकि राज्य सरकार जनगणना नहीं करा सकती थी, इसलिए सर्वे कराया गया था। इस सर्वे के आधार पर आरक्षण की सीमा 65% की गई थी, जिसमें पिछड़े, अति पिछड़े, दलित और आदिवासी वर्ग शामिल थे। इसके साथ ही EWS को 10% आरक्षण दिया गया था।
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि वह इस आरक्षण को फिर से लागू करने के लिए क्या कदम उठा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 9 नवंबर 2023 को उनके जन्मदिन पर यह पारित हुआ था, लेकिन 20 जून 2024 को हाईकोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया। तेजस्वी ने कहा कि उन्हें पहले से ही संदेह था कि बीजेपी इसे कोर्ट से निरस्त करवा देगी।
इस पर डेप्युटी सीएम सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव को बीच में टोक दिया। दूसरे डेप्युटी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिना आधार के ऐसी बातें करना नेता प्रतिपक्ष को शोभा नहीं देता। उन्होंने तेजस्वी पर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि संविधान विरोधी लोग संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने सरकार से यह भी पूछा कि जो बहालियां हो रही हैं, उनमें आरक्षित वर्ग को 16% का नुकसान हो रहा है या नहीं? उन्होंने यह सुझाव दिया कि विधानसभा की एक कमेटी बनाकर इस मुद्दे पर स्टडी की जाए और सत्र को कुछ दिन बढ़ाकर इसमें संशोधन किया जाए।
विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सभी दलों का विचार था कि इस कानून को नौंवी अनुसूची में डाला जाए, ताकि इसे न्यायिक समीक्षा से बचाया जा सके। लेकिन कुछ लोग कोर्ट चले गए और कानून निरस्त हो गया। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने बहालियां पुरानी आरक्षण व्यवस्था के तहत जारी रखने का निर्देश दिया है।
जातीय जनगणना और आरक्षण का फैसला नीतीश कुमार का: अशोक चौधरी
तेजस्वी यादव के इन आरोपों पर जेडीयू दलित नेता और सरकार मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव जातीय सर्वे में हमारे साथ थे। जब नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, तो क्या वे सरकार के अंग थे? उन्होंने विधानसभा में कहा कि नीतीश कुमार इकलौते नेता हैं जिन्होंने जातीय जनगणना पर सरकारी ठप्पा लगाने का काम किया।